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हिंदी कहानियां - भाग 207

स्पेस स्टेशन में एलियन मेहमान


स्पेस स्टेशन में एलियन मेहमान रोहित को अंतरिक्ष स्टेशन में रहते हुए तीन साल बीतने में दो महीने बाकी रह गए थे। तीन साल के बाद रोहित पृथ्वी पर लौटने वाला था। ‘यहां से पृथ्वी पर लौटने में भी एक साल लग जाएगा’, पृथ्वी पर लौटने की बात सोचकर उसकी खुशी बढ़ती जा रही थी।  अंतरिक्ष में रहते हुए रोहित दिन में लगभग 18 घंटे काम में व्यस्त रहता। इस स्टेशन में 2500 लोग रहते हैं। इसका नाम है केपलर-11, जो मंगल एवं बृहस्पति ग्रहों के बीच स्थित क्षुद्र ग्रह पट्टी में स्थित है। केपलर-11 एक क्षुद्र ग्रह है। इसकी दूरी पृथ्वी से लगभग 120 मिलियन किलोमीटर है। इस क्षुद्र ग्रह का फैलाव 90 वर्ग किलोमीटर है। केपलर-11 को बनाने में 250 साल से अधिक समय लगा है। चंद्रमा में इस तरह का स्टेशन 100 साल पहले ही बना था। चंद्रमा क्षुद्र ग्रह पट्टी की तुलना में पृथ्वी से काफी नजदीक है, केवल 4 मिलियन किलोमीटर। बीस देशों के वैज्ञानिक एवं इंजीनियर यहां रहते हैं। मनुष्य के अलावा कई जीव-जंतु तथा लगभग 3000 रोबोट भी यहां रहते हैं। तरह-तरह की प्रयोगशाला यहां हैं और उच्च क्षमता वाले कई टेलीस्कोप भी। केपलर-11 के मुख्य अधिकारी को कमांडर कहा जाता है।  केपलर-11 का मुख्य काम है अंतरिक्ष में बड़ी से बड़ी अंतरिक्ष कॉलोनियां तैयार करना एवं हमारी मंदाकिनी आकाशगंगा में दूसरे तारों की कक्षाओं की परिक्रमा करने वाले ग्रहों में (जिसे एक्सो प्लानेट कहा जाता है) जीवन का पता लगाना।   रोहित पिछले दो दशक से एलियन सभ्यता की खोज में लगा है। इस दौरान विभिन्न ग्रह, क्षुद्र ग्रह, धूमकेतु तथा ग्रहों की परिक्रमा करने वाले उपग्रहों में सूक्ष्म जीवों के अवशेष तो मिले हैं, मगर बुद्घिमान जीवों की खोज अभी जारी है। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का मानना है कि कई एक्सो प्लानेट में बुद्घिमान जीव जरूर मिलेंगे। हमारी मंदाकिनी आकाशगंगा में ही अरबों तारे हैं और इन तारों की परिक्रमा करने वाले अरबों ग्रह हैं। हर ग्रह में जीवन नहीं पनप सकता, इसके लिए कुछ खास परिस्थितियां होनी जरूरी हैं। मुख्य शर्त है पानी, वह भी तरल अवस्था में मौजूद होना। तरल अवस्था में पानी होने के लिए उपयुक्त तापमान होना जरूरी है। ऐसा तभी संभव होगा, जब कोई ग्रह उसके तारे से एक खास दूरी पर होगा, जैसे कि सूर्य से पृथ्वी की दूरी।  अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसे ग्रहों की संख्या हमारी आकाशगंगा में ही लाखों में होगी, जिनमें जीवन पनप सकता है। ब्रह्मांड में आकाशगंगा एकमात्र मंदाकिनी नहीं है, अरबों मंदाकिनियां हैं। रोहित बहुत ज्यादा उम्मीद लेकर केपलर-11 में आया था। मगर अभी तक एलियन के बारे में नहीं पता चला है।  इसी बीच रोहित कमांडर के ऑफिस गया। कमांडर से मिलने से पहले वह एक बड़ी सी कंप्यूटर स्क्रीन के सामने खड़ा हो गया। टेलीस्कोप नेटवर्क से जुड़ी यह स्क्रीन केपलर-11 की तरफ आने वाली हर वस्तु दर्शाती है। 10 मिलियन किलोमीटर दूर से ही आने वाली वस्तुओं का इससे पता चल जाता है। जरूरत पड़ने पर आने वाली वस्तुओं को नष्ट भी किया जा सकता है। रोहित को आज अचानक कंप्यूटर स्क्रीन पर एक अंतरिक्ष यान जैसी वस्तु दिखाई दी। ‘पृथ्वी से आने वाले अंतरिक्ष यान को आने में तो अभी एक महीना बाकी है। पृथ्वी से एक साथ दो या तीन अंतरिक्ष यान आते हैं। तब कहां से आ रहा है यह यान?’ वह ऐसा सोच ही रहा था कि उसे एहसास हुआ कि कमांडर भी वहां आकर खड़ा हुआ है।  “मि़ रोहित, मैं आपकी मनोस्थिति समझ रहा हूं, मगर समस्या यह है कि 5 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर आने तक इस यान के साथ संपर्क न हो पाने पर हमेंे इसे नष्ट करना पड़ेगा।”  “मि. कमांडर आप ऐसा नहीं कर सकते। हजारों साल से पृथ्वीवासी एलियन की कल्पना कर रहे हैं। हमें इस यान को यहां आने का मौका अवश्य देना चाहिए!”   “रोहित, यह यान सभी पृथ्वीवासियों के लिए खतरा साबित हो सकता है। आप कोशिश कीजिए, इस बाहरी यान के साथ संपर्क साधने के लिए। आपके अनुभव और गहन अनुसंधान का आज फायदा मिलना चाहिए। आपके पास 7-8 घंटे का समय है।” रोहित ने अपनी प्रयोगशाला में आकर बाहरी अंतरिक्ष यान को सिग्नल भेजना शुरू किया। तीन घंटे मेहनत करने के बाद भी कुछ नतीजा नहीं मिला। रोहित कुछ सोच नहीं पा रहा था कि क्या करे? जैसे-जैसे कमांडर की दी हुई समय सीमा नजदीक आ रही थी, रोहित की आशंका बढ़ती जा रही थी। जब रोहित संपर्क साधने की उम्मीद छोड़ चुका था, उसका कंप्यूटर ‘बीप-बीप’ कर उठा। इसका मतलब कोई मैसेज आ रहा है। जब उसने मैसेज पढ़ा, तो कमांडर को बुलाने के लिए एमरजेंसी बटन दबाया।  कंप्यूटर स्क्रीन पर लिखा था, ‘रोहित, हमने आप लोगों के अंतरिक्ष स्टेशन, सभी कंप्यूटर तथा रोबोटों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। आप मन में जो सोच रहे हैं, उसे भी हम पढ़ सकते हैं। आप लोग हमारे अंतरिक्ष यान को क्षति नहीं पहंुचा सकते।’  कमांडर रोहित की प्रयोगशाला में आ चुके थे और एलियंस द्वारा भेजे मैसेज को पढ़कर वह सहसा बोल पडे़, “मुझे इनका इरादा कुछ ठीक नहीं लग रहा!” कमांडर ने चीफ रोबोट को यह यान नष्ट करने का आदेश दिया। मगर चीफ रोबोट ने आदेश का पालन करने से साफ मना कर दिया। कमांडर हताश होकर कुरसी पर बैठ गए। कुछ क्षण बाद ही दो एलियन वहां पहंुच गए। दफ्तर में पहुंचकर भी उन्होंने अपना स्पेस सूट नहीं उतारा, इसलिए उनका चेहरा नहीं देखा जा सकता था।  “हम हजारों प्रकाशवर्ष की दूरी से यहां आए हैं। आपके साथ हमारी मिलने की कोई योजना नहीं थी, मगर रोहित द्वारा भेजे गए सिग्नल हमें मिल रहे थे, इसलिए हम मिलने आ गए। हमारी दुनिया से बाद में दूसरे लोग पृथ्वी पर आएंगे। हमारी प्रोद्यौगिकी इतनी विकसित है कि आप लोग कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। हम अब चलते हैं।” यह कहकर एलियन वहां से चल पड़े। उनके जाने के आधे घंटे बाद ही बाहरी दुनिया का अंतरिक्ष यान कंप्यूटर स्क्रीन से गायब हो गया। इसके बाद सभी कंप्यूटर एवं रोबोट ने स्वाभाविक रूप में काम करना शुरू कर दिया। एलियन के आने के सुबूत के रूप में रह गया, तो केवल एलियन के स्पेस सूट के साथ फोटोग्राफ एवं कंप्यूटर मंे उनके अंतरिक्ष यान की इमेज। कमांडर ने रोहित को धन्यवाद दिया। कमांडर का मानना था कि रोहित के कारण ही पृथ्वीवासी बच गए। रोहित की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। वह अब गर्व के साथ पृथ्वी पर लौट सकता था।

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